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अक्सर सेलेक्ट सिटी में शराब की दुकान मै जाकर वोदका की PACKAGING देखता हूँ और उनके अनूठे PACKAGING को देख कर पागल हो उठता हूँ. दुकानदार मेरी ललचाई हुई नज़रो को देख कर यही सोचता है रोज़ रोज़ आ जाता है अपनी प्यास क्यों नहीं बुझा लेता. आख़िरकार एक BOTTLE पसंद आ ही गयी . मैंने उसे आयुष को गिफ्ट किया कहा पीने के बाद खाली BOTTLE दे देना.. ठंडा पानी भरूँगा FRIDGE में. वोदका भी देखने में पानी जैसा ही तो है.Posted by Unknown Email This BlogThis! Share to Twitter Share to Facebook |
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